” पल मुस्कराने लग गये ” !!
कदम क्या संभले हमारे ,
वे पास आने लग गये |
अपना पराया पहचानने में ,
हमको जमाने लग गये |
आंसुओं ने पाला पोसा ,
रिश्ते पुराने कह गये |
दहलीज़ तक ना थे गंवारा ,
दिन पुराने लद गये |
अपना नहीं बेगाना समझा ,
रिश्ते निभाने लग गये |
आज वे हमदर्द बनकर ,
झूंठे फसाने कह गये |
दगा करते आये हमसे ,
वे आज़माने लग गये |
साफगोई दिल में ना थी ,
फिर से बहाने कर गये |
वक्त क्या बदला सितमगर ,
पल मुस्कराने लग गये |
माँ की दुआएं साथ थी ,
सपने सुहाने सज गये |
बृज व्यास