*पल-भर में खुश हो गया, दीखा कभी उदास (कुंडलिया)*
पल-भर में खुश हो गया, दीखा कभी उदास (कुंडलिया)
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पल-भर में खुश हो गया, दीखा कभी उदास
बच्चा मॉं से दूर जब, होता मॉं के पास
होता मॉं के पास, उच्च निधि मॉं सॅंग पाई
बच्चे की मुस्कान, गोद में मॉं के आई
कहते रवि कविराय, भाव उठता अंतर में
पाकर मॉं की गोद, खुशी मिलती पल-भर में
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451