पल बुरे अच्छे गुजारे तो सभी जाएंगे
पल बुरे अच्छे गुज़ारे तो सभी जाएंगे
फ़िक्र क्या मौत के द्वारे तो सभी जाएंगे
हाथ सुख दुख में बँटाना ही पड़ेगा हमको
कर्ज़ अपने भी उतारे तो सभी जाएंगे
धूल में चमको तभी बात बड़ी है कोई
यूँ चमक नभ के सितारे तो सभी जाएंगे
बात तो ये है दुलारेंगे वो माँ को कितना
पास में माँ के दुलारे तो सभी जाएंगे
ये मिले कम या जियादा न पता है लेकिन
दर्द की राह गुजारे तो सभी जाएंगे
गहरा सागर है भँवर मिलती यहाँ पग पग पर
कैसे ये कह दें किनारे तो सभी जाएंगे
‘अर्चना’ रिश्तों को कितना भी पकड़ लो कसकर
एक दिन छूट सहारे तो सभी जाएंगे
09-02-2022
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद