Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

पल पल शर्मिंदा दिखे , लोकतंत्र हर रोज ।

पल पल शर्मिंदा दिखे , लोकतंत्र हर रोज ।
पर प्रहरी के भाल पर , छल प्रपन्च का ओज ।।
छल प्रपन्च का ओज , दम्भ है इतना छाया ।
हासिल आया शून्य , राष्ट्र भी खुद शरमाया ।
नफरत का बाजार , हो रही चहुँ दिशि निंदा ।
लोकतंत्र हर रोज , दिखे पल पल शर्मिंदा ।।
सतीश पाण्डेय

136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सतीश पाण्डेय
View all

You may also like these posts

13. *फरेबी दुनिया*
13. *फरेबी दुनिया*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
अनपढ़ रहो मनोज (दोहा छंद)
अनपढ़ रहो मनोज (दोहा छंद)
Manoj Mahato
" हिन्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
ईश्क में यार थोड़ा सब्र करो।
ईश्क में यार थोड़ा सब्र करो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
एक चुटकी सिन्दूर
एक चुटकी सिन्दूर
Dr. Mahesh Kumawat
आकर्षण मृत्यु का
आकर्षण मृत्यु का
Shaily
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
Ajit Kumar "Karn"
मेरे शब्दों को कहँ दो ...
मेरे शब्दों को कहँ दो ...
Manisha Wandhare
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
बिना अश्क रोने की होती नहीं खबर
बिना अश्क रोने की होती नहीं खबर
sushil sarna
आखिर क्यों
आखिर क्यों
Dr.Pratibha Prakash
सच तो जीवन में शेड का महत्व हैं।
सच तो जीवन में शेड का महत्व हैं।
Neeraj Agarwal
ये जाने कौन?
ये जाने कौन?
शिवम राव मणि
23/92.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/92.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
पूर्वार्थ
जीवन ऐसे ही होता है
जीवन ऐसे ही होता है
प्रदीप कुमार गुप्ता
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
Anand Kumar
जाते वर्ष का अंतिम दिन
जाते वर्ष का अंतिम दिन
Anant Yadav
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
असली
असली
*प्रणय*
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Bansaltrading Company
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
Ravi Betulwala
फिर  किसे  के  हिज्र  में खुदकुशी कर ले ।
फिर किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले ।
himanshu mittra
बचपन
बचपन
Phool gufran
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
"महाराणा प्रताप: वीर गाथा"
Rahul Singh
दिल में बसाना नहीं चाहता
दिल में बसाना नहीं चाहता
Ramji Tiwari
*गुरु चरणों की धूल*
*गुरु चरणों की धूल*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वो चाहती थी मैं दरिया बन जाऊं,
वो चाहती थी मैं दरिया बन जाऊं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बालगीत
बालगीत
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
Loading...