पल दो पल सही बात करें
**** पल दो पल सही बात करें ****
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पल दो पल ही सही कोई बात करें,
दिल की दिल से सखी कोई बात करें।
मुद्दत होने लगी फिर से तान छिड़े,
मिल कर बैठें कहीं कोई बात करें।
बढ़ते रोके क़दम जो थे साथ चले,
ज़िद तो छोड़ी वहीं कोई बात करें।
बीती बातें नहीं हैं अब याद हमें,
माना तुम थे सही कोई बात करें।
मनसीरत ने सहा दुख का भार बहुत,
आँखें आँसू भरी कोई बात करें।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)