Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2024 · 1 min read

पलटे नहीं थे हमने

वाक़िफ न हो सके जो इसके मिज़ाज से ।
पलटे नहीं थे हमनें वर्क -ए-हयात के ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 132 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

श्रीराम गाथा
श्रीराम गाथा
मनोज कर्ण
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
Keshav kishor Kumar
जिंदगी
जिंदगी
Rambali Mishra
बहन मिल गई
बहन मिल गई
Sudhir srivastava
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
राह पर चलना पथिक अविराम।
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
ईमान
ईमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
प्यासी कली
प्यासी कली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"शब्दों का सफ़र"
Dr. Kishan tandon kranti
"दूध में दरार"
राकेश चौरसिया
खबरदार होना चाहिए
खबरदार होना चाहिए
Ghanshyam Poddar
ये जिंदगी है साहब.
ये जिंदगी है साहब.
शेखर सिंह
*बदरी तन-मन बरस रही है*
*बदरी तन-मन बरस रही है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रकृति का दर्द
प्रकृति का दर्द
Abhishek Soni
*लज्जा*
*लज्जा*
sudhir kumar
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ
स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ
Ravi Prakash
यूँ तो...
यूँ तो...
हिमांशु Kulshrestha
हम तो बस ....
हम तो बस ....
sushil yadav
नर नारी
नर नारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
और धुंध छंटने लगी
और धुंध छंटने लगी
नूरफातिमा खातून नूरी
जस जालोर रो
जस जालोर रो
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
2998.*पूर्णिका*
2998.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यूं फिसले है आदमी, ज्यों मुट्ठी से रेत
यूं फिसले है आदमी, ज्यों मुट्ठी से रेत
RAMESH SHARMA
Pain of separation
Pain of separation
Bidyadhar Mantry
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
Dr fauzia Naseem shad
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
[बाप बनने के बजाय]
[बाप बनने के बजाय]
*प्रणय*
कुछ लोगो की चालाकियां खुल रही है
कुछ लोगो की चालाकियां खुल रही है
पं अंजू पांडेय अश्रु
Loading...