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7 Feb 2021 · 1 min read

पर मेरा कोई जवाब न आया….

खत तो मैंने भेजा था उनको,पर मेरा कोई जवाब ना आया,
हर खत पर अपना नाम लिखा था,
पर मेरा कोई जवाब ना आया……
खत तो मैंने भेजा था उनको……

हर लफ्जों को लिखकर कागज पर,
आँसू उसको तोहफा किया था,
सिर्फ तू मेरा हो जा कहकर, हर लफ्जों ने उनसे इल्तिजा किया था,
हर एक सूर्ख पैगाम लिखा था,
याद नहीं अब ऐसा क्या लिखा था,
खत तो मैंने भेजा था उनको,पर मेरा कोई जवाब ना आया….

रातों में चाँद के शुक्र किये हम,
दिन भर बन आफताब जले हम,
इश्क की किमत कैसी थी यह,
खूद जलाया फिर भी ना वो माना,
हर पल खफा ही थे मुझसे,फिर भी सामने उनके होंठो को मुस्काया….
खत तो मैंनेभेजा था उनको,पर मेरा कोई जवाब ना आया…..

कसूर क्या था ..
ना वो कह सका और ना हमको समझा पाया,
रूठ ना जाए वो कही इस ड़र से,
हर लफ्जों को वफादारी सिखा कर लिखा,
फिर ना जाने वो लौट क्यो ना आया…
खत तो मैंने भेजा था उनको,पर मेरा कोई जवाब ना आया…….
हर खत पर अपना नाम लिखा था,पर उनका कोई जवाब ना आया………
#sapnaks

3 Likes · 35 Comments · 390 Views
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