Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2024 · 2 min read

पर्यावरण संरक्षण का नारा

लो जी! फिर से आ गया पर्यावरण दिवस
तो आइए! एक बार फिर इस दिवस की
तनिक औपचारिकता मिलकर निभाइए
अन्य दिवसों की तरह इस दिवस का भी
जमकर उपहास उड़ाइए,
वृक्षारोपण करें या बिल्कुल न करें
पर वृक्षारोपण की औपचारिकता जरुर निभाइए।
झूठ मूठ का एक वृक्ष रोपने का नाटक करिए
दस बीस लोग साथ में फोटो जरुर खिंचवाइए,
पर्यावरण विषयक गोष्ठी, संगोष्ठी, कवि सम्मेलन में
पर्यावरण संरक्षण का बेसुरा राग गाइए।
एक वृक्ष तो लगाने से रहे हम आप
पर वृक्षारोपण की जरूरत है, गला फाड़कर बताइए,
विकास की आड़ में हरियाली मिटाइए
ताल तलैया पोखरों, नदी, नालों पर अतिक्रमण करवाइए
जल समस्या का रोना भी आज ही रोइए।
धरती मां का सीना छलनी करने
और हरियाली मिटाने में पीछे न रहिए।
जल, जंगल, जमीन के दुश्मन बनते रहिए
कुछ कीजिए या न कीजिए क्या फर्क पड़ता है?
पर मीडिया, सोशल मीडिया में
पर्यावरण दिवस खूब धूमधाम से मनाइए
और कथित पर्यावरण मित्र का सम्मान हथियाइए।
अगला पर्यावरण दिवस मनाने के लिए
हम रहेंगे या नहीं, कुछ पता नहीं,
इस वर्ष के ही पर्यावरण दिवस को यादगार बनाइए
और पर्यावरण दिवस की औपचारिकता
बड़े जोर शोर से निभाइए।
पर्यावरण संरक्षण का कथित अभियान
ए. सी. कमरों में बैठकर चलाइए,
खुद कुछ कीजिए या बिल्कुल भी न कीजिए
सरकार को जी भरकर गरियाइए
और अपनी पीठ शान से थपथपाइए।
अगले वर्ष के पर्यावरण दिवस की रुपरेखा भी
आज ही बनाइए और खूब मुस्कुराइए,
प्रकृति का सीना छलनी करते रहिए
पेड़ काटते रहिए, हरियाली लीलते रहिए
ताल तलैया, नदी नालों, जलाशयों पर अतिक्रमण कर
उनका अस्तित्व मिटाते रहिए
गर्मी, ठंडी, बाढ़, सूखा, भूस्खलन, भूकंप
और ग्लोबल वार्मिंग का रोना रोते रहिए,
प्राकृतिक व्यवस्था पर कुठाराघात करते रहिए
धरती हो या प्रकृति कौन अपनी सगी है
इसका भरपूर दोहन करते रहिए,
वर्ष में केवल एक बार, एक दिन इतना जरूर करिए
बस! पर्यावरण दिवस मनाते रहिए
और बाकी दिन रोना रोते रहिए
फाइलों, मीडिया, सोशल मीडिया में
पर्यावरण संरक्षण करते रहिए
जिंदा रहे तो अगले वर्ष फिर मिलिए
और हमारे साथ पर्यावरण दिवस की
औपचारिक औपचारिकता निभाइए,
पर जरा आज तो अच्छे से मुस्कुराइए
और पर्यावरण संरक्षण का नारा तो लगाइए।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

1 Like · 76 Views

You may also like these posts

उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
gurudeenverma198
"ऐ मेरे दोस्त"
Dr. Kishan tandon kranti
आज के युग में कल की बात
आज के युग में कल की बात
Rituraj shivem verma
हम अपना जीवन अधिकतम बुद्धिमत्ता के साथ जीना चाहते हैं, इसका
हम अपना जीवन अधिकतम बुद्धिमत्ता के साथ जीना चाहते हैं, इसका
Ravikesh Jha
तुम्हें चाहना
तुम्हें चाहना
Akash Agam
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
सत्य कुमार प्रेमी
वंश वृक्ष
वंश वृक्ष
Laxmi Narayan Gupta
बेटियां
बेटियां
डॉ. शिव लहरी
मां तुम बहुत याद आती हो
मां तुम बहुत याद आती हो
Mukesh Kumar Sonkar
उलझन !!
उलझन !!
Niharika Verma
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
Phool gufran
"You’re going to realize it one day—that happiness was never
पूर्वार्थ
मैं हाथों में तेरा नाम लिखती हूं,
मैं हाथों में तेरा नाम लिखती हूं,
Jyoti Roshni
जब हम नकारात्मक टिप्पणियों को बिना आपा खोए सुनने की क्षमता व
जब हम नकारात्मक टिप्पणियों को बिना आपा खोए सुनने की क्षमता व
ललकार भारद्वाज
ज़रूरत के तकाज़ो
ज़रूरत के तकाज़ो
Dr fauzia Naseem shad
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
क्या कहें,देश को क्या हो गया है
क्या कहें,देश को क्या हो गया है
Keshav kishor Kumar
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
शेखर सिंह
मोह मोह के चाव में
मोह मोह के चाव में
Harminder Kaur
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
Neelofar Khan
3235.*पूर्णिका*
3235.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक कंजूस व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में आदर्श स्थापित नही कर स
एक कंजूस व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में आदर्श स्थापित नही कर स
Rj Anand Prajapati
-आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया हो गया -
-आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया हो गया -
bharat gehlot
पीड़ा का अनुमान
पीड़ा का अनुमान
RAMESH SHARMA
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
... बीते लम्हे
... बीते लम्हे
Naushaba Suriya
लिप्त हूँ..
लिप्त हूँ..
Vivek Pandey
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
Loading...