परोपकार
विषय परोपकार
हम जीवन के पथ में परोपकार की भावना रखते हैं।
मानवता के साथ साथ सदा हम चलते है।
हम सबके मन भावों से संबंध परोपकार के होते हैं।
बस बोली के बोल चाल से हम सभी के संग रहते हैं।
परोपकार के रंगमंच पर किरदार हम सभी निभाते हैं।
कुछ सोच समझ कर कुछ निस्वार्थ भाव रखते हैं।
आधुनिक जीवन शैली में परोपकार सब जानते हैं।
सच और झूठ के भाव भी कभी कभी कर जाते हैं।
हम सबके जीवन में परोपकार ही कर्म से जुड़ता हैं।
धन और संपत्ति का सहयोग न संग कहीं जाता हैं।
अच्छा बुरा हम सभी के संग परोपकार जो करता हैं।
सच और हकीकत के साथ वो जीवन में पाता हैं।
परोपकार की राह पर चलते हमको जाना हैं।
मत सोचो क्या पाया और हमने खोया हैं।
परोपकार के संग साथ हम सभी जानते हैं।
आज नहीं तो कल आने वाले समय कहता हैं।
हां सच जीवन में परोपकार की भावना होती हैं।
हम सभी को एक दूसरे के सहयोग से बनती हैं।