परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
नहीँ जीवन ये खो देना किसी को आज़माने में!
करो पूरे सभी अरमां सदा शाहीन सा बनकर,
मुसाफ़िर देर मत करना, फ़लक से चाँद लाने में!
धर्मेन्द्र अरोड़ा मुसाफ़िर
(सर्वाधिक सुरक्षित)
संपर्क सूत्र: 90 343 76051