परेसान इन्सान
“समय बहाकर ले जाता है
नाम और निशान…
कोई हम में रह जाता है
कोई अहम में रह जाता है..
बोल मीठे ना हों तो हिचकियाँ भी नहीं आती….
घर बड़ा हो या छोटा,
अगर मिठास ना होंतो इंसान क्या….
….. चींटियां भी नहीं आती”…!!!