परेशान शब्द
चमत्कार !
यह शब्द उन दिनों से
‘चर्चाओं के बाजार’ को गर्म किये हुए है
जब से ‘मदर टेरेसा’ को
संत की उपाधि घोषित करने की प्रक्रिया शुरु हुई
और
प्राप्ति के बाद भी यह ‘शब्द’ मुँह बायें रास्ता घेरे हैं
बुद्धिजीवियों को डकार भी निकालने नहीं दे रहे हैं
कुछ लोग, जिन्हें हम नास्तिक भी कहते हैं
वे इस ‘शब्द’ से परेशां नहीं हैं,
वे परेशां है ‘विज्ञान’ को कसौटी पर खड़ा करने को
लोग-बाग
मानवीय मदद को ‘चमत्कार’ कह डालते हैं !