परेशान बहुत है
ठुकरा के मेरा प्यार परेशान बहुत है
वो अपने फ़ैसले से पशेमान बहुत है
वो आज मुश्किलों से घबराए हुए हैं
जो सोचते थे इश्क़ आसान बहुत है
तेरे ख़्वाब तेरा तसव्वुर और तेरी यादें
मोहब्बत के सफ़र में सामान बहुत है
रूठ जाता है अक्सर ज़रा सी बात पर
दोस्तों मेरा महबूब तो नादान बहुत है
वक़्त बे वक़्त आना मगर एहतियात से
मेरे घर का रास्ता सुनसान बहुत है
भूलकर भी किसी से दिल ना लगाना ‘अर्श’
ये वो सौदा है जिसमें नुक़सान बहुत है