परीक्षा
परीक्षा
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
१
पेपर की घड़ी,
परीक्षा में रो पड़ी।
प्रश्न आए थे बढ़े कठिन,
नहीं बना पाए सही उत्तर जतिन।
२
भारी लिए मजा,
परीक्षा में हुआ सजा।
क्या सोचते हो इधर उधर मत देख,
अब पछताये होत क्या चिड़िया चुग गई खेत।
३
शिक्षा को जान,
शिक्षक का कहना मान।
पढ़ाई लिखाई में लगाओ ध्यान,
तब परीक्षा में सफलता हासिल कर बनोगे महान।
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना, बिलाईगढ़, बलौदाबाजार (छ. ग.)
8120587822