परीक्षा का भय
नाम परीक्षा का सुनते ही,
डर मुझको लगने लगता।
जाने कहाँ नींद खो जाती,
खाने में नहीं जी करता।।
*** ‘मम्मी कहती’ – सो जा अब तो,
कल जल्दी फिर से उठना।
सारी- सारी रात जागकर,
सेहत मत बिगाड़ लेना।।
*** ‘पापा कहते’ – पढने से ही,
चमकेगी किस्मत तेरी।
मेहनत का फल मीठा होता,
बेटा सीख सुनो मेरी।।
*** ‘शिक्षक कहते’ – प्यारे बच्चो,
तन – मन सब अर्पण कर दो।
अच्छे नंबर पाकर के तुम,
जीवन में खुशियां भर लो।।
*** ‘भैया’ रोज उलाहना देते,
दिनभर क्या तुम करते हो?
नियमित रहकर पढा करो,
तुम, लापरवाही करते हो।।
*** कान ऐंठ कर दीदी कहती,
खेल- कूद अब बंद करो।
इम्तिहान के दिन आए हैं,
अब तो तुम कुछ याद करो।।
*** मेरी हालत अजब है। कुछ ना पूछो हाल।।
रखवाला मेरा खुदा। डर से मैं बेहाल।।
*** रचना – रामबाबू ज्योति, रामपुरी कालोनी, गुप्तेश्वर रोड- दौसा, राजस्थान, पिन 303303