#परिहास
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■ खुल गया राज़…!!
[प्रणय प्रभात]
आज सोशल मीडिया के सभी प्लेटफ़ॉर्म लगभग सुनसान हैं। शोले फ़िल्म के मौलाना साहब के अंदाज़ में पूछ कर भी देखा कि- “आज इतना सन्नाटा क्यों है भाई?” कहीं से कोई आवाज़ फिर भी नहीं आई, तो मामला शोध का विषय बन गया और अपन तुरंत भिड़ गए “वयोमकेश बख़्शी,” “जासूस करमचंद,” “शरलॉक होम्ज़” और “सीआईडी” वाले “एसीपी प्रद्युम्न” की तरह तहक़ीक़ात में।
जल्द ही निष्कर्ष सामने आ गया और हमारे दिमाग़ को हाईजैक किए बैठे अंकल “आइजेक न्यूटन” चीख पड़े – ”यूरेका…यूरेका।” यानि मिल गया, मिल गया। जो मिला वो पेश है। आपकी ख़िदमत में।
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