परिवार हमारा
गीत
शब्द शब्द आकाश किरण परिवार हमारा
आंखों आंखों ढूंढ रहा हूं प्यार तुम्हारा।।
किस्मत के अभिलेखों से अंजान रहा हूं
जान बूझ कर भी कितना नादान रहा हूं
परम पुण्य संवादों सा ज्वार तुम्हारा।
आंखों आंखों ढूंढ रहा हूं प्यार तुम्हारा।।
परम स्नेही मन के आंगन रीत रहे हैं
रिमझिम कितने सावन बीत रहे हैं
अहसासों की बूंदों सा मनुहार तुम्हारा।
आंखों आंखों ढूंढ रहा हूं प्यार तुम्हारा।।
पल-पल तेरा रूप गगन मुझमें दहका है
श्वासों का जो हृदय पुष्प बन कर महका है।
सजल संकल्प रात औ’ दिन अधिकार तुम्हारा।
आंखों- आंखों ढूंढ रहा हूं प्यार तुम्हारा।।
यादों के अनमोल तराने साथ रहे हैं
विनत भाव से जाने कितने कष्ट सहे हैं।
मचल रहा है मुझमें यह आभार तुम्हारा।।
आंखों आंखों ढूंढ रहा हूं प्यार तुम्हारा।।
सूर्यकांत