परिवार-मिलन
जब – जब हम मिलते है,
खुशियों के फूल खिलते है,
ख़ुशनुमा माहौल होता,
रिश्ते प्रेम से महकते है,
हट जाता सारा तनाव,
प्रेम स्नेह की होती छाँव,
प्रफुल्लित मन हो जाता,
सुनाई न देती काँव- काँव,
जीवन होता फिर मनोरम,
पास न फटकता कोई गम,
जब होता परिवार मिलन,
मिट जाते है फिर सारे तम,
जब होते अपनो के संग,
कोई न करता फिर तंग,
हँसी ख़ुशी बनी रहती,
मन में खिलते हजार रंग,
जहाँ भी तुम रह लो,
कितना ही फिर सज लो,
नहीं अगर परिवार का मिलन,
सुकून न मिलेंगा कितना भटक लो,
—-जेपीएल