-मेरा परिवार
मिलकर रहना, मिलकर खाना
एक दूसरे के गम बांटना
परिवार में मिलकर खुशियां मनाना
अच्छे संस्कारों से बनता हमारा
सुंदर संयुक्त परिवार।
खुशियों के आंगन में
उम्मीदों के दामन में
पलता है स्नेह प्यार
गम बांटते,बांटते खुशियां हजार
अच्छे संस्कारों से बनता हमारा
सुंदर संयुक्त परिवार।
मिश्री सी मीठी यादें
कभी नमकीन सी भी बातें
यादों का संगम बनाते
फिर भी मिलनसार निभाते
अच्छे संस्कारों से बनता हमारा
सुंदर संयुक्त परिवार।
तृप्त हॄदय भरा हुआ नेह
ना ही कोई द्वेष किसी से लेह
निरोगी काया,अपनों की मिलती छाया
बड़ों का आशीर्वाद, छोटों से बढ़ता प्यार
अच्छे संस्कारों से बनता हमारा
सुंदर संयुक्त परिवार।
अपनापन हो सब किसी से
रिश्ते निभते पीढ़ी दर पीढ़ी
छोटी -छोटी बातें
चढ़ जाते कामयाबी की सीढीं
अच्छे संस्कारों से बनता हमारा
सुंदर संयुक्त परिवार।
– सीमा गुप्ता,अलवर