परिवार का सत्यानाश
परिवार का सत्यानाश
घर के संवाद जब घर के भीतर न हो कर घर के बाहर होने लगें, समझ लो रिश्ते परिवार का सत्यानाश निश्चिंत है।
जब घर के सदस्य एक-दूसरे से खुले दिल से बात न कर सकें, अपने मन की बातें एक-दूसरे से न कह सकें, तो समझ लो रिश्ते परिवार का सत्यानाश निश्चिंत है।
जब घर के सदस्य एक-दूसरे के विश्वास को धोखा देने लगें, एक-दूसरे के साथ छल-कपट करने लगें, तो समझ लो रिश्ते परिवार का सत्यानाश निश्चिंत है।
जब घर के सदस्य एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ न दें, एक-दूसरे के लिए त्याग न करें, तो समझ लो रिश्ते परिवार का सत्यानाश निश्चिंत है।
तो आओ हम सभी मिलकर अपने परिवार के रिश्ते को मजबूत करें, घर के संवादों को घर के भीतर रखें, एक-दूसरे के साथ विश्वास और सम्मान के साथ रहें, ताकि हमारे परिवार का सत्यानाश न हो।