परिवर्तन
घोर संकट में भी पता नहीं कैसे अभी बाक़ी विश्वास है,
शायद इसी लिए कहा गया है कि जब तक साँस तब तक आस है
जो बार-बार आशा की किरण नज़र आती है,
वही बार-बार स्थिति सुधार का विश्वास दिलाती है.
पता नहीं भगवान ने किस मिट्टी से रची है?
आज घोर अंधकार में भी मानवता बची है,
वरना आसार तो कुछ और ही इंगित करते हैं,
कल के रिकार्ड आज की घटना के आगे पानी भरते हैं.
दृढ विश्वास कि पैसे के प्रति मोह की प्रवृति रुकेगी,
दुनिया एक दिन सदाचरण की ओर जरुर झुकेगी.
कई बार दूर एक आशा की किरण नज़र आती है,
बार-बार स्थिति सुधार का विश्वास दिलाती है।