परिवर्तन विकास बेशुमार
परिवर्तन विकास बेशुमार
सतत् प्रकृति प्रक्रिया को
परिवर्तन नाम से जाना है
उथल- पुथल छीना झपटी
आस विकास परिवर्तन का
लाभ हानि नई पुरानी
परिवर्तन की है परंपरा
ज्ञान विज्ञान कर्म अकर्म
रोड़े कांटे पग का छलनी
लहूलुहान विकास की
इक नई उम्मीद जगाता
सुमन वाटिका गलियारों
कुसुम से वन उपवन में
पशु पथ मानुष पथ बना
विकास परिवर्तन बेशुमार
छोटे बड़े युवा वृद्ध ज़रा
क्रमिक विकास श्रृंखला
नकारात्मकता विवाद बेचैनी
लड़ाई झगड़ा तोड़ फोड़
बौखलाहट उथल पुथल
प्रारंभिक रूप इक विकास का
सुखद सकुन सुलभ आराम
बदलाव सकारात्मकता
शांति सुमंगल परिवर्तन
विकास बेशुमार खुशी का
आज बीता कल आएगा
सोच पग पग जन जीता
दुख : सुख गले लगा
पथिक पथ पर चलता
बाट की पहचान कर
मुसाफ़िर सतत् बढ़ता
आस विश्वास उम्मीद से
विकास परिवर्तन आता
सुगम पगडंडी जन- जन
जीवन अर्थ स्तर उठाता
हे पथिक !!!!!
धैर्य हिम्मत बल उम्मीद
पर टिकी जग संसार
वजूद बचा दे औरों को
छोड़ सभी यहां जाना
पथ बट की नव छांव में
विश्राम सकून आराम पा
विकास परिवर्तन बेशुमार
सहृदय जन गले लगाना ।
कतिवर : –
तारकेश्वर प्रसाद तरूण