Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2024 · 1 min read

*परिवर्तन में छिपा हुआ है, सुख के रहस्य का शुभ झरना (राधेश्य

परिवर्तन में छिपा हुआ है, सुख के रहस्य का शुभ झरना (राधेश्यामी छंद)
_________________________
परिवर्तन में छिपा हुआ है, सुख के रहस्य का शुभ झरना
वर्षा जाड़ा गर्मी मानो, उस महाकाल का पग धरना
खेल सॉंप सीढ़ी का अच्छा, कुछ घटता कुछ बढ़ता है
एक चक्र चल रहा निरंतर, क्रम से गिरता फिर चढ़ता है
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जब  मालूम है  कि
जब मालूम है कि
Neelofar Khan
व्यवहार अपना
व्यवहार अपना
Ranjeet kumar patre
संविधान में हिंदी की स्थिति
संविधान में हिंदी की स्थिति
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
manjula chauhan
आओ लौट चले 2.0
आओ लौट चले 2.0
Dr. Mahesh Kumawat
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
इस दिल में .....
इस दिल में .....
sushil sarna
क्यू ना वो खुदकी सुने?
क्यू ना वो खुदकी सुने?
Kanchan Alok Malu
आजमाइश
आजमाइश
AJAY AMITABH SUMAN
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
Chaahat
निकले थे चांद की तलाश में
निकले थे चांद की तलाश में
Dushyant Kumar Patel
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
मुझमें भी कुछ अच्छा है
मुझमें भी कुछ अच्छा है
Shweta Soni
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
Ravi Prakash
*भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना*
*भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना*
sudhir kumar
कागज को तलवार बनाना फनकारों ने छोड़ दिया है ।
कागज को तलवार बनाना फनकारों ने छोड़ दिया है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सैनिक की पत्नी की मल्हार
सैनिक की पत्नी की मल्हार
Dr.Pratibha Prakash
~ग़ज़ल ~
~ग़ज़ल ~
Vijay kumar Pandey
कई खयालों में...!
कई खयालों में...!
singh kunwar sarvendra vikram
प्रभु संग प्रीति
प्रभु संग प्रीति
Pratibha Pandey
अनजान राहें अनजान पथिक
अनजान राहें अनजान पथिक
SATPAL CHAUHAN
*
*"परिजात /हरसिंगार"*
Shashi kala vyas
"तू-तू मैं-मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
कछु मतिहीन भए करतारी,
कछु मतिहीन भए करतारी,
Arvind trivedi
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
Dr Tabassum Jahan
4410.*पूर्णिका*
4410.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
😊■रोज़गार■😊
😊■रोज़गार■😊
*प्रणय प्रभात*
या खुदा तू ही बता, कुछ शख़्स क्यों पैदा किये।
या खुदा तू ही बता, कुछ शख़्स क्यों पैदा किये।
सत्य कुमार प्रेमी
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
surenderpal vaidya
কি?
কি?
Otteri Selvakumar
Loading...