परिवर्तन चाहिए तो प्रतिवर्ष शास्त्रार्थ कराया जाए
परिवर्तन चाहिए तो प्रतिवर्ष शास्त्रार्थ कराया जाए
हर जाति धर्म के लोगों को खुली छूट दी जाए
जो भी विजई हों उन्हें उचित सम्मान राशि दी जाए
समाज से भेदभाव मिटे इसीलिए जमीनी स्तर पर
सार्थक लगन से उचित प्रयास किया जाए
_ सोनम पुनीत दुबे