Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2018 · 1 min read

परिवर्तन की बयार

(समीक्षार्थ)
परिवर्तन का बयार
*****************
कैसी ये उल्टी बयार
बढ रहा है पापाचार,
हर तरफ है अत्याचार
साथ चलते जाइये।

जोर है पाश्चात्य का
शोर है सर्वनाश का,
तोड़ क्या बेइमान का
मार्ग तो सुझाईये।

सत्य आज शोकग्रस्त
सत्यार्थी रोगग्रस्त,
इमानदारी मोहग्रस्त
पाप को जलाइये।

धर्म आज शर्मसार
चहुओर दुराचार,
व्याप्त कण -कण भ्यविचार
आत्मबल जगाइये।
………..।…………..
✍✍ पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार……८४५४५५

206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

4623.*पूर्णिका*
4623.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"फेसबुक"
Dr. Kishan tandon kranti
कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए।
कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए।
Kumar Kalhans
*अभिनंदन सौ बार है, तुलसी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*अभिनंदन सौ बार है, तुलसी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरी खुदाई
मेरी खुदाई
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पटकथा
पटकथा
Mahender Singh
“जब से विराजे श्रीराम,
“जब से विराजे श्रीराम,
Dr. Vaishali Verma
"करारी हार के ‌शिकार लोग ही,
पूर्वार्थ
भटकता पंछी !
भटकता पंछी !
Niharika Verma
माँ कौशल्या के बिना
माँ कौशल्या के बिना
Sudhir srivastava
चलो हम तो खुश नहीं है तो ना सही।
चलो हम तो खुश नहीं है तो ना सही।
Annu Gurjar
प्रकृति की गोद
प्रकृति की गोद
उमा झा
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
Pramila sultan
मेरी …….
मेरी …….
Sangeeta Beniwal
घर एक मंदिर🌷
घर एक मंदिर🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*पहले वाले  मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ में मिला गुरुत्व ही सांसों के अनंत विस्तार के व्यापक स्त
माँ में मिला गुरुत्व ही सांसों के अनंत विस्तार के व्यापक स्त
©️ दामिनी नारायण सिंह
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
हर बार नहीं मनाना चाहिए महबूब को
शेखर सिंह
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
Ranjeet kumar patre
*कन्या पूजन*
*कन्या पूजन*
Shashi kala vyas
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
अंजाम ....
अंजाम ....
sushil sarna
मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं
मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं
Shekhar Chandra Mitra
मैं ताउम्र तुम से
मैं ताउम्र तुम से
हिमांशु Kulshrestha
■ आज का दोहा...।
■ आज का दोहा...।
*प्रणय*
हाकिम तेरा ये अंदाज़ अच्छा नही है।
हाकिम तेरा ये अंदाज़ अच्छा नही है।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
9) दिल कहता है...
9) दिल कहता है...
नेहा शर्मा 'नेह'
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
सत्य कुमार प्रेमी
ظلم کی انتہا ہونے دو
ظلم کی انتہا ہونے دو
अरशद रसूल बदायूंनी
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
Loading...