Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2024 · 2 min read

परिणाम विश्लेषण, (घनाक्षरी छंद)

घरू बात, चुनावी भाषा
घनाक्षरी छंद
***************
सास ने बहू से कहा, तेरे हाथ लगते ही,
घर का बौना सा मान , ज्यों जिराफ हो गया।

सोचा भी नहीं था वैसा, भरा खलिहान आया,
लगे हाथ सरकारी,कर्ज माफ हो गया।

चमक उठीं दीवालें,आंगन व द्वार सजे,
बोझ सिर पै रखा था,आफ आफ हो गया।

सारे कष्ट क्लेशों की, जमानत सी जप्त हुई,
दुखों का तो मानों सूपड़ा ही साफ हो गया।

साहस
*********
कदम कदम पर, सुविधाएं बांटी गईं,
जिन्हें सुख दिया वही, समय पै छले हैं।

सोचा भी नहीं था ऐसा, वैसा परिणाम मिला,
हमारे तो होम करने से हाथ जले हैं।

अपनों के भरोसे में, अपनों से मारे गए,
घाम ने सताया हमें,वट वृक्ष तले हैं।

काशी जी में शिव, और मथुरा में श्रीकृष्ण,
लगता है मस्जिद के भीतर ही भले हैं।

परिणाम घनाक्षरी
**************
जनता को पूरा पूरा कोई न पसंद आया,
मिली जुली खिचड़ी पकाय गई जनता।

जनता जहाॅं की राम नाम से जुड़ी हुई थी,
वही राम काम बिसराय गई जनता।

जनता के हेतु किये कितने कठिन कार्य,
फिर भी अधर में झुलाय गई जनता।

जनता से बड़ा लोकतंत्र में नहीं है कोई,
नतीजे चुनाव के बताय गई जनता।

समय समय की बात
*****************
राजनीति शायरी में मंच ने कमाल किया,
सड़े सड़े शेरों को भी,भारी मिली दाद है।

पास रहे जिनके हमेशा ही छप्पन भोग,
रूखी सूखी रोटी का भी लेना पड़ा स्वाद है।

गधों को भी ज्ञानी बता, मक्खन लगा रहे हैं,
सत्ता पत्ता चलाने की, यही बुनियाद है।

कुरसी किसी को मिले, कुरसी का खेल सभी,
हमारी तो कविता कलम जिंदाबाद है।

गुरू सक्सेना
5/6/24

Language: Hindi
60 Views

You may also like these posts

धनवान -: माँ और मिट्टी
धनवान -: माँ और मिट्टी
Surya Barman
4188💐 *पूर्णिका* 💐
4188💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नास्तिक किसे कहते हैं...
नास्तिक किसे कहते हैं...
ओंकार मिश्र
मत कहना ...
मत कहना ...
SURYA PRAKASH SHARMA
डियर दीपू
डियर दीपू
Abhishek Rajhans
Be the first one ...
Be the first one ...
Jhalak Yadav
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
surenderpal vaidya
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
किन्नर(कुछ दोहे)
किन्नर(कुछ दोहे)
Dr Archana Gupta
****महात्मा गाँधी****
****महात्मा गाँधी****
Kavita Chouhan
कविता
कविता
Rambali Mishra
आओ जलाएं
आओ जलाएं
भगवती पारीक 'मनु'
रिश्ते निभाने के लिए,
रिश्ते निभाने के लिए,
श्याम सांवरा
माँ और फौज़ी बेटा
माँ और फौज़ी बेटा
Ahtesham Ahmad
काल का स्वरूप🙏
काल का स्वरूप🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जलाया करता हूँ,
जलाया करता हूँ,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
" जरिया "
Dr. Kishan tandon kranti
लौट जायेंगे हम (कविता)
लौट जायेंगे हम (कविता)
Indu Singh
छिन्नमस्ता
छिन्नमस्ता
आशा शैली
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पहचान धूर्त की
पहचान धूर्त की
विक्रम कुमार
एक उदासी
एक उदासी
Shweta Soni
ज़रा इतिहास तुम रच दो
ज़रा इतिहास तुम रच दो "
DrLakshman Jha Parimal
का
का
*प्रणय*
मित्रता
मित्रता
डॉ. शिव लहरी
गंगा
गंगा
लक्ष्मी सिंह
सर उठा के मत चलिए आज के ज़माने में
सर उठा के मत चलिए आज के ज़माने में
पूर्वार्थ
ഒന്നോർത്താൽ
ഒന്നോർത്താൽ
Heera S
Loading...