– परिणाम क्या होगा –
– परिणाम क्या होगा –
तुम्हारी बेरुखी,
बदहाली का अंजाम क्या होगा,
मुझसे जो रूठे हो,
अपनो से छूटे हो,
अपनत्व के एहसास का क्या होगा,
खुद के स्वार्थ में डूबकर,
अपनो की खुशियों को रौंदकर ,
जा रहे हो जो अपनो को पैरो की ठोकरो में रखकर,
पैरो में कुचलने का ख्वाब लेकर,
आ रहे हो अपने अरमानों की आंधियों पर लेटकर,
अपनो के अरमानों पर पानी फेरकर,
तुम्हारे इस कृत्य का ह्रास क्या होगा,
तुम हो करे रहे मदहोश होकर,
उसका अंजाम उसका परिणाम क्या होगा,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान