परिचय
???परिचय???
मात-पिता की प्यारी बेटी,
सोहणी,राजदुलारी बेटी,
सहोदरों की प्यारी बहना,
पीहर का परिचय क्या कहना|
सुघढ़,सयानी,बन वधु आई,
अपने पिय के मैं मन भाई,
बच्चों की संरक्षक माता,
अब परिचय मेरा कहलाता|
कार्य क्षेत्र में कुशल प्रशासक,
शिक्षक रूप समाज सुधारक,
मित्र मेरे जब परिचय देते,
मुझे सहायक सबका कहते|
यूँ तो यह परिचय काफी है,
अधिक चाहना गुस्ताखी है,
परिचय एक नहीं पर रहता
पल पल देखो,रहे बदलता|
फिर क्या परिचय हम सब का है,
मन यह प्रश्न किया करता है,
काल,क्षेत्र से न बदले हम,
सच से आकर आन मिले हम|
जगत असीम,न कोना इसका,
मानव तुच्छ खिलौना इसका,
परिचय सभी धरे रहते हैं,
समय’धार’,हम’कण’बहते हैं|
✍हेमा तिवारी भट्ट✍