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18 Jun 2020 · 1 min read

परिंदा

एक वही था
परिंदा
जिसका अपना कुछ ऐसा आलम था
हवाओं ने उसे बहुत ही उड़ा रखा था
बना बनाया उसका घर उजाड़ रखा था
वो करता शिकायत अपने दर्द की किससे
जब उसके अपने ही उसे बिगाड़ रखा था।

उसका भी अपना ऐसा कुछ समय आएगा
जो खोया है उसने वो सब अब वो पाएगा
प्रकृति का अपना कुछ ऐसा करिश्मा है
उसको उतना ही वापस सब मिल जाएगा
उसको जिंदगी में दोबारा नया मोड़ आएगा।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 503 Views

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