परायों में, अपना तलाशने निकलें हैं हमदम।
परायों में, अपना तलाशने निकलें हैं हमदम।
उनकी आरज़ू पूरी हो, ये दुआ हम करते हैं।
दुनिया की रीत ये पुरानी है।
मतलबी दुनिया में कोई न तेरा सानी है।
दगा तो मिलेगा तुझे उन अजनबी अपनों से।
जब लगेगा उन्हें कुछ नहीं बचा है तेरे पास खोने को।
कैसे छोड़ दूं अकेला तुझे ऐ हमदम।
सांवरे का कन्धा तो चाहिए तुझे आखिर में रोने को।
श्याम सांवरा……