Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2021 · 1 min read

पराजय

पराजय नहीं
जय है तेरी हर तरफ
हर गात नहीं
सानी तेरी बात का
कथ्य हिंडोला सा
हर नज़र यूं बढ़ा
शनैः शनैः
चकाचौंध करता
हृदय में उतर चला
वो नहीं खाविंद
तेरी तहरीर के
ये अधबुझे सितारे
तमाशवीन हैं बस
कालांतर से
संग रहे
बेजुबां अहमक से
लौट आते है
पुनः चांद की
तलाश में
चूंकि रोशनाई
जय में नहीं
पराजय में है

मनोज शर्मा

Language: Hindi
530 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
..
..
*प्रणय प्रभात*
एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के
एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के
Dheerja Sharma
पिछले पन्ने भाग 2
पिछले पन्ने भाग 2
Paras Nath Jha
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
International Day Against Drug Abuse
International Day Against Drug Abuse
Tushar Jagawat
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
Shweta Soni
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
gurudeenverma198
Quote...
Quote...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
Monika Arora
सहारा
सहारा
Neeraj Agarwal
जहां प्रगटे अवधपुरी श्रीराम
जहां प्रगटे अवधपुरी श्रीराम
Mohan Pandey
*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (छह दोहे)*
*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (छह दोहे)*
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
तुम मेरा हाल
तुम मेरा हाल
Dr fauzia Naseem shad
कभी-कभी दुख नदी के तेज बहाव की तरहा आता है ऐसे लगता है सब कु
कभी-कभी दुख नदी के तेज बहाव की तरहा आता है ऐसे लगता है सब कु
पूर्वार्थ
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
ruby kumari
ठंड
ठंड
Ranjeet kumar patre
नशीली आंखें
नशीली आंखें
Shekhar Chandra Mitra
"जलती आग"
Dr. Kishan tandon kranti
****दोस्ती****
****दोस्ती****
Kavita Chouhan
2995.*पूर्णिका*
2995.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
.....,
.....,
शेखर सिंह
सम्मान गुरु का कीजिए
सम्मान गुरु का कीजिए
Harminder Kaur
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
surenderpal vaidya
मसला सिर्फ जुबान का हैं,
मसला सिर्फ जुबान का हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...