परमात्मा ने अवतार लिया
परमात्मा ने अवतार लिया*
***** मत्त सवैया छंद *****
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जब जब हों कष्ट धरा पर,
परमात्मा ने अवतार लिया।
पाप का बोलबाला भू पर,
जन जन का बेड़ा पार किया।
मानव मन व्यथित विचलित सा,
उधेड़बुन में दुनिया सारी।
उजड़ा जग बाग बगीचा सा,
देखते सब जन अपनी बारी।
त्राहि त्राहि मची जगत में,
पापों का वजन हुआ भारी।
नर है नर के प्रति क्रोध में,
आदमीयत ने हिम्मत हारी।
मनसीरत करबद्ध निवेदन,
सभी से करो बातें प्यारी।
अनुराग का करो आवेदन,
हल होंगी समस्याएं सारी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)