-: परछाइयां :-
मेरे इस दिल के समंदर में उतर के देखो ,
डूब कर प्रेम में एक बार उतर के देखो ,,
तुम को मिल जाएगा अपने हर सवाल का जबाब ,
इन्तेहा से तो ज़रा मेरे गुज़र कर देखो ,,
कौन परछाइयां ख्वाबो की पकड़ पाया हैं कभी ,
मैं हकीकत हूँ , इधर से भी गुज़ार कर देखो ,,
गज़लों में तेरी और भी , अनोखा निखार आएगा ,
रंग गज़लों में ज़रा, मेरी मोहब्बत का भर के देखो ,,
मर के देखना , रह जाओगे तुम हो के अमर ,
जीते जी प्यार में एक बार , तो मर कर देखो