परछाइयां भी छोटी हो जाया करती है,
परछाइयां भी छोटी हो जाया करती है,
रोशनी के करीब आने से दोस्तों।
शरीर का कद बढ़ जाया करता है।
रोशनी के करीब आने से दोस्तों।
यही फर्क है झूठी परछाइयों का,
यही अस्तित्व है शरीर की सच्चाई का।
श्याम सांवरा….
परछाइयां भी छोटी हो जाया करती है,
रोशनी के करीब आने से दोस्तों।
शरीर का कद बढ़ जाया करता है।
रोशनी के करीब आने से दोस्तों।
यही फर्क है झूठी परछाइयों का,
यही अस्तित्व है शरीर की सच्चाई का।
श्याम सांवरा….