*पन्द्रह अगस्त का अर्थ नहीं (गीतिका)*
पन्द्रह अगस्त का अर्थ नहीं (गीतिका)
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1
पन्द्रह अगस्त का अर्थ नहीं, होता बस आजादी है
क्यों संसद में बहस नहीं, यह हंगामे की आदी है ?
2
दफा तीन सौ सत्तर है अब संविधान से हटी हुई
सत्तर वर्षों बाद जुड़ी अब काश्मीर की वादी है
3
त्याग-तपस्या की प्रतीक जो दिखती थी इतिहासों में
अपनी जेबें भरने की बस अब प्रतीक वह खादी है
4
सरकारी अधिकांश योजनाऍं जो शुरू हुईं अब तक
अफसर, बाबू या बिचौलियों की उसमें बस चाँदी है
5
यह हिन्दू है वह मुस्लिम है, यह मन्दिर है वह मस्जिद
जहाँ हुआ धर्मोन्माद, केवल होती बर्बादी है
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451