पनाह
उलझें उलझें से रहते है हम… आजकल !??
कोई गुनाह है क्या????
दिल लगा लिया है शायद ❤️
किसी बेदर्दी से और पूछते है
यहाँ पनाह हैं क्या…????
उलझें उलझें से रहते है हम… आजकल !??
कोई गुनाह है क्या????
दिल लगा लिया है शायद ❤️
किसी बेदर्दी से और पूछते है
यहाँ पनाह हैं क्या…????