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20 Dec 2017 · 1 min read

*पनघट*

पनघट

प्यास बुझाती कई घरों की पनघट,,
याद दिलाती कई गयो की पनघट,,

भैया भाभी की हँसी ठिठोली पनघट,,
पड़ोसन की वो मीठी बोली पनघट,,

मेल मिलाव प्यार की बातें पनघट,,
सब संग खेल मिलाते नाते पनघट,,

कबहूँ गुस्सा पनिहारन को पनघट,,
बर्तन पटक फुटन फाट को पनघट,,

माँ प्रेम,पिता डाट पे नहाती पनघट,,
बचपन जवान बुढापा दिखाती पनघट,,

घर बाते करे बहुरिया जब भी पनघट,,
नन्द,सास,बहु झगड़ा तब ही पनघट,,

राही प्यासे जो भी जब गुजरे पनघट,,
तर गले से प्यास तब बिसरे पनघट,,

शीतल जल का है भंडारण पनघट,,
गाँव मोहल्ले का है तारण पनघट,,

मन बाते सभी सखी संग पनघट,,
विरह प्रेम सब रस हर जंग पनघट,,

जीवन लीला शुरू तक बताती पनघट,,
जल चक्रण को मनु सिखाती पनघट,,
?मानक लाल मनु?

Language: Hindi
432 Views
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