पद मिल जाए बिना प्रतिभा के तो धृतराष्ट्र बनते हैं( कुंठित लो
पद मिल जाए बिना प्रतिभा के तो धृतराष्ट्र बनते हैं( कुंठित लोग)
प्रतिभा हो और पद न मिले
तो कर्ण बनते हैं(कुंठा से उत्पन्न अहंकार)
प्रतिभा कूट कूट कर भरी होने के कारण पद कदमों में ला कर देना चाहें लेकिन पद की चाह तक न हो तो अर्जुन बनते हैं(विनम्रता)
जब आप टॉप पर रहें तो humble रहें (कृष्ण की तरह)
जब आप प्रगति कर रहे हों
तो gratitude में रहें,कृतज्ञ रहें( युधिष्ठिर की तरह)
जब आप स्ट्रगल कर रहे हों तो surrender रहें (अर्जुन की तरह, अर्जुन ने कृष्ण के आगे पूरा सरेंडर कर दिया था)