Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2021 · 1 min read

पद के दुरूपयोग (हास्य कविता)

पद के दुरूपयोग
(हास्य कविता)

फेर भेटत नहि एहेन सुयोग
अपना स्वार्थ द्वारे कानून बनाऊ-तोरू
मनमर्जी सँ करू ओकर उपयोग
अहाँ करू अपना पद के दुरूपयोग

सत्ताक कुर्सी पर बैसल छि अहाँ
कोनो समस्या देखैत छि कहाँ
मोन मोताबिक सी.बी.आइ के करू उपयोग
अहाँ करू अपना पद के दुरूपयोग !

अरब-खरब घोटाला करू मुदा
दाँत चिआरैत तिहर जेल सँ निकलू
फेर मंत्री पद हथिआउ आ घोटाला करू
सरकारी खजाना सुडाह क बैसू !

सत्ता कुर्सी आ सरकारी धन
जन्मजात अहाँक बपौती छि
अहाँ करू एककर खूब उपयोग
करू अपना पद के दुरूपयोग

मूलभूत समस्याक समाधान किएक करब ?
एही सँ किछु ने होयत ताहि दुआरे
एहने योजना बनाऊ जाही सँ
अहाँ अप्पन जेबी टा भरब

करू अन्याय मुदा बर्दी चमकाऊ
अपनों घुस खाऊ नेताजी के सेहो खुआउ
डरे कियो किछु बाजत कोना
दमनकारी नीति अहाँ अपनाऊ

न्यायक कुर्सी बिका गेल
देशक रक्षक बनी गेल भक्षक
कागजी पन्ना पर आर्थिक योजना
आम आदमीक कष्ट बुजहब कोना

मंत्री छि लालाबती गाड़ी में घूमूं
जनताक खोज खबरि एकदम नहि करू
एक्के बेर आब अगिला इलेक्शन में
भोंट दुआरे जनता के मुहं देखू

दंगा फसाद अहींक इशारा पर
पहिने सँ फिक्स भेल अछि
वोट बैंक पोलिसी के करू उपयोग
अहाँ करू अपना पद के दुरूपयोग !!

लेखक :- किशन कारीगर
( नोट © कॉपीराईट अधिनियम के तहत )

Language: Maithili
359 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
शेखर सिंह
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
फ़ितरत-ए-साँप
फ़ितरत-ए-साँप
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दीवानी कान्हा की
दीवानी कान्हा की
rajesh Purohit
"पेरियार ललई सिंह यादव"
Dr. Kishan tandon kranti
कड़वा है मगर सच है
कड़वा है मगर सच है
Adha Deshwal
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
ललकार भारद्वाज
घर
घर
Dr MusafiR BaithA
" हर वर्ग की चुनावी चर्चा “
Dr Meenu Poonia
जीवन का कोई सार न हो
जीवन का कोई सार न हो
Shweta Soni
3114.*पूर्णिका*
3114.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
मुस्तक़िल बेमिसाल हुआ करती हैं।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*नियति*
*नियति*
Harminder Kaur
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
सपनों का सफर
सपनों का सफर
पूर्वार्थ
"कष्ट"
नेताम आर सी
*पश्चाताप*
*पश्चाताप*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मानसिक विकलांगता
मानसिक विकलांगता
Dr fauzia Naseem shad
बीतते साल
बीतते साल
Lovi Mishra
"सादगी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
यशस्वी भव
यशस्वी भव
मनोज कर्ण
#कविता-
#कविता-
*प्रणय प्रभात*
यादें
यादें
Dinesh Kumar Gangwar
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
Ranjeet kumar patre
अमीर जिन महलों को सपनों का आशियाना कहते हैं,
अमीर जिन महलों को सपनों का आशियाना कहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गरीबी की उन दिनों में ,
गरीबी की उन दिनों में ,
Yogendra Chaturwedi
दिखा तू अपना जलवा
दिखा तू अपना जलवा
gurudeenverma198
विद्याधन
विद्याधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*नशा सरकार का मेरे, तुम्हें आए तो बतलाना (मुक्तक)*
*नशा सरकार का मेरे, तुम्हें आए तो बतलाना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...