पथिक
प्रयास ही सतत हो,न कभी तुम विरत हो
विफलता से निवृत्त हो,परिश्रम ही प्रवृत्त हो
सत्यता से अर्जित हो,असत्य से वर्जित हो
लक्ष्य को साध ले,पथिक!तू अविराम चल !१!
बातों में शीत हो ,उर मे बस प्रीत हो
प्रेम का गीत हो,न कभी भयभीत हो
कदमो का संगीत हो,मन मे जीत हो
लक्ष्य को साध ले,पथिक!तू अविराम चल !२!
न मद का उन्मत्त हो,सङ्गत श्रद्धोन्मत्त हो
न ज्ञान क्रोधोम्मत्त हो,विचार हर्षोन्मत्त हो
कर्म धर्मोन्मत्त हो ,समाज का अनुन्मत्त हो
लक्ष्य को साध ले,पथिक!तू अविराम चल !३!
शब्दो का अनुपात हो,न पक्षपात हो
मर्म भी ज्ञात हो ,भाव सन्निपात हो
विद्रोह का उत्पात हो ,न रक्तपात हो
लक्ष्य को साध ले,पथिक!तू अविराम चल !४!
कलम फलीभूत हो ,दृढ़ आधारभूत हो
शब्दो के वशीभूत हो विषय सारभूत हो
यथार्थ से रीत हो ,वास्तविकता प्रतीत हो
लक्ष्य को साध ले,पथिक!तू अविराम चल !५!
विश्वास निश्चित हो ,लक्ष्य सुनिश्चित हो
ईर्ष्या से वंचित हो ,भावों से संचित हो
व्यवहार न अनुचित हो,स्वयं से परिचित हो
लक्ष्य को साध ले,पथिक!तू अविराम चल !६!
युक्ति न पराजित हो,न एकता विभाजित हो
पथ न विचलित हो ,आशाएं ही प्रज्वलित हो
विवशता में शांति हो,अभीप्सा की कांति हो
लक्ष्य को साध ले,पथिक!तू अविराम चल !७!
वाणी न घृणित हो,मधुर सुवर्णित हो
कुंठा बहिष्कृत हो,नैतिक अधिकृत हो
ये जीवन जड़ित हो,जोड़ का गणित हो
लक्ष्य को साध ले,पथिक!तू अविराम चल !८!