Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2019 · 1 min read

पथिक

अंधियारे जंहा में
मशाल ले कर चला हूँ,
कई पथिक यंहा से गुजरेंगे
उनके रास्ते बनाने चला हूँ..

आंधी तूफ़ान बारिश
सभी का सामना करते चला हूँ,
दुनियावी चीजों में मत उलझो
यह पाठ पढ़ाते चला हूँ..

जिस वास्ते ईश्वर ने बनाया
उसकी अभिव्यक्ति करते चला हूँ,
कई पथिक यंहा से गुजरेंगे
उनके लिए रास्ते बनाते चला हूँ….

प्रोफ़ेसर दिनेश गुप्ता
8007179747

Language: Hindi
2 Likes · 469 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*गाथा बिहार की*
*गाथा बिहार की*
Mukta Rashmi
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
वक्त गर साथ देता
वक्त गर साथ देता
VINOD CHAUHAN
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
पूर्वार्थ
*पढ़-लिख तो बेटी गई किंतु, पढ़-लिख कर भी वह हारी है (राधेश्य
*पढ़-लिख तो बेटी गई किंतु, पढ़-लिख कर भी वह हारी है (राधेश्य
Ravi Prakash
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
आज मेरिट मजाक है;
आज मेरिट मजाक है;
पंकज कुमार कर्ण
4393.*पूर्णिका*
4393.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिस दिन
जिस दिन
Santosh Shrivastava
बनें जुगनू अँधेरों में सफ़र आसान हो जाए
बनें जुगनू अँधेरों में सफ़र आसान हो जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
शिव आराधना
शिव आराधना
Kumud Srivastava
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
The_dk_poetry
हर दुआ में
हर दुआ में
Dr fauzia Naseem shad
अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भु
अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भु
Sanjay ' शून्य'
जीवन और जिंदगी
जीवन और जिंदगी
Neeraj Agarwal
തിരക്ക്
തിരക്ക്
Heera S
" मेरा प्यार "
DrLakshman Jha Parimal
नैनों के अभिसार ने,
नैनों के अभिसार ने,
sushil sarna
लेख
लेख
Praveen Sain
राम का आधुनिक वनवास
राम का आधुनिक वनवास
Harinarayan Tanha
अ आ
अ आ
*प्रणय*
रक्त दान के लाभ पर दोहे.
रक्त दान के लाभ पर दोहे.
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*******प्रेम-गीत******
*******प्रेम-गीत******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
शेखर सिंह
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
सत्य कुमार प्रेमी
"स्वप्न-बीज"
Dr. Kishan tandon kranti
बलबीर
बलबीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
स्थिरप्रज्ञ
स्थिरप्रज्ञ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बुझदिल
बुझदिल
Dr.Pratibha Prakash
Loading...