पत्नी
पत्नी
घर में घरनी हैय।
बाहर में प्रेयसी हैय।
पत्नी
दुख में सहभागिनी हैय।
सुख में सहगामिनी हैय।
पत्नी
परिवार के धूरी हैय।
पति के नूरी हैय।
पत्नी
धर्म में अर्द्धांगिनी हैय।
अंग में वामांगी हैय।
पत्नी
कार्य में मंत्रीणी हैय।
बीमारी में मतारी हैय।
पत्नी
पत्नी ही संजीवनी हैय।
रामा पत्नी ही जींदगी हैय।
स्वरचित© सर्वाधिकार रचनाकाराधीन।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।