“पत्नी के काम “
“पत्नी के काम ”
करते-करते काम तुम,
थकते नहीं दिन रात तुम।
चाहे हो बीमार तुम,
फिर भी करते काम तुम ।
सबका कहना सुनते तुम,
सबका काम करते तुम ।
ना करते शिकायत तुम ,
चाहे हो उदास तुम।
इच्छा कुछ ना करते तुम,
निस्वार्थ काम करते तुम।
पगार भी ना लेते तुम ,
फिर भी खुश रहते तुम ।
अपना ध्यान न रख के तुम,
सबका ध्यान रखते तुम।
………..✍️योगेन्द्र चतुर्वेदी