पत्नी की प्रतिक्रिया
एक दिन
मैंने अपनी पत्नी से कहा—
प्रिये!
तुम भोजन बहुत ही बढ़िया बनाती हो
घर को बड़े ही सलीके से सजाती हो
हो इतनी हँसमुख
कभी देती नहीं गाली
सभी पड़ोसनों से कम हो काली
यह सच है कि तुम
मुझे हर तरह से भायी हो
पर दुख इस बात का है कि
संग दहेज नहीं लाई हो
इतना सुनकर पत्नी मुस्कुरायी
मेरे और करीब आयी
सीने से लग कर बोली―
प्राणनाथ!
मैंने जो कुछ भी लाया है
उसे आप ही ने तो सहेजा है
मैं आपकी पत्नी हूँ
और भली-भाँति से जानती हूँ कि
आपने अपनी बहन को
क्या-क्या देकर भेजा है।