पत्नि जो कहे,वह सब जायज़ है
पत्नि जो कहे,वह सब जायज़ है।
पति जो कहे,वह सब नजायज है।।
तुम जो कर रहो,वह सब जायज़ है।
वही जो दूसरा करे,वह नजायज है।।
पत्नि से जो औलाद हो,वह जायज़ है।
किसी दूसरी से पैदा हो,वह नजायज है।।
तुम दूसरे की पत्नि देखो तो वह जायज है।
तुम्हारी पत्नि को दूसरा देखे वह नजायज है।।
देखने का सबका नजरिया अलग अलग है।
कोई कहे ये जायज है कोई कहे नजायज है।।
तुम जो धंधा कर रहे हो वह सब जायज़ है।
वही धंधा दूसरा करे तो वह नजायज है।।
तुम्हारी बेटी जो सुसराल में करे वह जायज़ है।
दूसरे की बेटी तुम्हारे घर में करे वह नजायज है।।
प्रसिद्ध कवि झूठ को भी सच लिखे वह जायज है।
रस्तोगी अगर सच को सच लिखे तो वह नजायज है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम