Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2024 · 1 min read

पत्थर – पत्थर सींचते ,

पत्थर – पत्थर सींचते ,
उगते प्रेम -प्रसून।
सौरभ का विश्वास बन,
लगे हृदय का खून ॥

1 Like · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahendra Narayan
View all
You may also like:
दूर है जाना...
दूर है जाना...
Shveta Patel
"आवारा-मिजाजी"
Dr. Kishan tandon kranti
*अवध  में  प्रभु  राम  पधारें है*
*अवध में प्रभु राम पधारें है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
Sonit Parjapati
सभी से।
सभी से।
*प्रणय*
....नया मोड़
....नया मोड़
Naushaba Suriya
विषय:- विजयी इतिहास हमारा। विधा:- गीत(छंद मुक्त)
विषय:- विजयी इतिहास हमारा। विधा:- गीत(छंद मुक्त)
Neelam Sharma
World Earth Day
World Earth Day
Tushar Jagawat
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
जनवरी हमें सपने दिखाती है
जनवरी हमें सपने दिखाती है
Ranjeet kumar patre
कोई अवतार ना आएगा
कोई अवतार ना आएगा
Mahesh Ojha
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
Rajesh vyas
लाख कर कोशिश मगर
लाख कर कोशिश मगर
Chitra Bisht
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें
Virendra kumar
हर एकपल तेरी दया से माँ
हर एकपल तेरी दया से माँ
Basant Bhagawan Roy
Gestures Of Love
Gestures Of Love
Vedha Singh
2764. *पूर्णिका*
2764. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वह कहते हैं, बच कर रहिए नज़र लग जाएगी,
वह कहते हैं, बच कर रहिए नज़र लग जाएगी,
Anand Kumar
হরির গান
হরির গান
Arghyadeep Chakraborty
पहचान ही क्या
पहचान ही क्या
Swami Ganganiya
भविष्य..
भविष्य..
Dr. Mulla Adam Ali
हम तुम्हें
हम तुम्हें
Dr fauzia Naseem shad
शक्ति
शक्ति
Mamta Rani
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
धैर्य बनाये रखे शुरुआत में हर कार्य कठिन होता हैं पीरी धीरे-
धैर्य बनाये रखे शुरुआत में हर कार्य कठिन होता हैं पीरी धीरे-
Raju Gajbhiye
आग और पानी 🙏
आग और पानी 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आज का ज़माना ऐसा है...
आज का ज़माना ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
हौसला रखो
हौसला रखो
Dr. Rajeev Jain
बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
Shriyansh Gupta
Loading...