पत्थर दिखाई देता है
हर एक सिम्त ये मंजर
दिखाई देता है।
मुश्किलों में आस का घर
दिखाई देता है।
मैं जिसके हाँथ में देकर
गुलाब आया था,
उसी के हाँथ में पत्थर
दिखाई देता है।।
संजय नारायण
हर एक सिम्त ये मंजर
दिखाई देता है।
मुश्किलों में आस का घर
दिखाई देता है।
मैं जिसके हाँथ में देकर
गुलाब आया था,
उसी के हाँथ में पत्थर
दिखाई देता है।।
संजय नारायण