पत्ते कभी हरे थे
ये पत्ते कभी हरे थे, पेड़ पे लगे थे
अब जर्द होकर गिर पड़े हैं
समेट रही हूं अन्न पकाने के काम आएंगे …
भूख मिटाने के ये भी सहायक कहलाएंगे
जैसे हसुआ और खुरपी होता है अन्न उगाने में सहायक
जैसे खाना और मुॅंह के बीच हाॅंथ और थाली होता है सहायक
जैसे रोटी नून के साथ पानी होता है सहायक
~ सिद्धार्थ