पति भी मजदूर से कम नहीं ..( हास्य कविता )
पति भी किसी मजदूर से कम नहीं,
प्यारी पत्नी की सेवा में जो दिन रात लगे रहते।
उसकी सारी फरमाइशें पूरी करते ,
और सुबह सुबह अपने हाथों से चाय भी पिलाते ।
हर मजदूर दिवस पर लोग ,
पतियों के योगदान को जाते भूल ।
दिन भर दफ्तर में अपने बॉस की सुनते,
और घर पर पत्नी तानों के चुभाए शूल।
फिर भी मुस्कुराकर ,
अपनी सभी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते ,
रूखी सूखी , जली कटी जो भी मिले ,
रोटी सब्जी को तारीफ कर कर के खाते ।
यह सबकी सुनते ,
मगर इनकी सुनने वाला कोई नहीं।
सुनाते सब अपना दिन भर का रोना ,
मगर पति का कैसा गुजरा दिन ,
उसकी सुनने वाला कोई नहीं।
कभी घर का राशन ,
तो कभी श्रीमती जी की खरीदारी ।
कभी घर की अन्य जरूरतें ,
कभी और कोई पारिवारिक जिम्मेदारी ।
यूं तो पत्नी का भी घर पर बड़ा योगदान ,
परंतु पति है घर परिवार की आत्मा ।
इस पति नाम के मजदूर को ,
और शक्ति और सामर्थ्य दे परमात्मा ।