*पति-पत्नी दो श्वास हैं, किंतु एक आभास (कुंडलिया)*
पति-पत्नी दो श्वास हैं, किंतु एक आभास (कुंडलिया)
★★★★★★★★★★★★★★
नाता यह सबसे घना , इसमें है विश्वास
पत्नी-पति दो श्वास हैं ,किंतु एक आभास
किंतु एक आभास ,प्राण से ज्यादा चाहें
मंजिल इनकी एक , एक हैं जीवन राहें
कहते रवि कविराय ,धन्य रचयिता विधाता
मधुर भरा लालित्य ,बनाया अद्भुत नाता
—————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451